नाम : संतोष सिंह बलखंडी
पद : नगर निगम पार्षद, लखनऊ (भाजपा)
नवप्रवर्तक कोड : 71183155
परिचय :
मृदुभाषी एवम् सरल स्वभाव के धनी संतोष सिंह बलखंडी मानकनगर, लखनऊ के दौदा खेड़ा ग्राम भाजपा के नगर निगम पार्षद के रूप में कार्यरत हैं. पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक होने के कारण वे भी बाल्यकाल से ही समाज कार्यों में हिस्सा लेने लगे थे. राजनीति विज्ञान से स्नातक करने के पश्चात् उन्होंने राजनीति से जुड़ी बारीकियों का अध्ययन किया. वर्ष 1967 में उनके पिताजी भी क्षेत्र के पार्षद रहे, जिनसे संतोष जी ने प्रेरणा ली तथा क्षेत्र की कमियों को समझ, परखकर उन पर कार्यवाही करने की ठान ली.
राजनीतिक अगुवाई :
वर्ष 1995 में जब संतोष जी पार्षद चुने गए, उस समय उनका क्षेत्र दौदाखेड़ा बेहद पिछड़ा हुआ था, साथ ही धनाभाव के कारण विकास कार्य भी नहीं हो पाते थे. सरकार की ओर से विकास निधि के रूप में उस समय केवल 2 लाख रुपए मिलते थे, जिनसे सभी ग्रामों में विकास योजनाओं का लाभ पहुंचा पाना बेहद कठिन था.
इन सभी कारणों के मद्देनजर संतोष जी अटल बिहारी वाजपेई जी से मिले और क्षेत्र की समस्याओं से उन्हें रूबरू करवाया, जिसके उपरांत विकास निधि को बढ़वाकर जल निकासी, सड़क विकास आदि से जुड़े कार्य संपन्न किए गए.
सामाजिक सरोकार :
संतोष जी के पिताजी रेलवे कॉन्ट्रेक्टर रहे हैं, साथ ही उनका व्यवसाय भी है. उन्होंने बचपन से ही समाज के लोगों की समस्याएं देखी हैं, समाज के दबे- कुचले लोगों की पीड़ा को दूर करने के उद्देश्य से ही उन्होंने राजनीति में आगमन किया. क्षेत्र के सामाजिक विकास व जनकल्याण की भावना लेकर वे निरंतर आगे बढ़ रहे हैं.
क्षेत्रीय विकास कार्य :
मुख्य रूप से विक्रमनगर, दौदाखेड़ा जैसे निचले क्षेत्रों में जल निकासी की समस्या काफी अधिक थी, इसलिए पार्षद बनने के उपरांत सर्वप्रथम उन्होंने क्षेत्र में नाले बनवाए, सड़कों का निर्माण करवाया.
इसके अतिरिक्त संतोष जी ने गांगाखेडा ग्राम में अथक प्रयासों के माध्यम से बिजली का प्रबंध करवाया, इस ग्राम में आज़ादी के 70 वर्ष बाद भी बिजली नहीं थी. नगर विकास मंत्री जी की सहायता से संतोष जी ने सड़कों और नालियों की भी व्यवस्था करवाई.
क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए पानी की टंकी एवम् 12 गांवों में ट्यूबवेल के जरिए पानी की व्यवस्था भी संतोष जी ने करवाई.
प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दे :
संतोष जी के अनुसार भारत का सबसे प्रमुख मुद्दा वर्तमान में बेरोजगारी है, जिसके कारण देश का युवा वर्ग दिगभ्रमित हो रहा है. शिक्षित युवा आज उचित रोजगार के अभाव में भटक रहे हैं, जिसके लिए सरकार को उचित नीति बनानी चाहिए.
इसके साथ साथ देश के प्रहरी, यानि सैनिकों के लिए आर्थिक मजबूती को संतोष जी सरकार की प्राथमिकता के तौर पर परिभाषित करते हैं. उनका मानना है कि सैनिकों के वेतनमान में बढ़ोतरी, शस्त्रों का नवीनीकरण और उनके परिवार को अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए.
वैश्विक पटल पर भारत :
वैश्विक रूप से भारत को विकसित करने के लिए देश की अर्थव्यवस्था का सुचारू होना आवश्यक है. वर्तमान में विदेशी नीति मजबूत और सुदृढ़ होनी चाहिए, जिससे देश पड़ोसी देशों के साथ पारदर्शी और स्पष्ट संबंध रख सके तथा वैश्विक पटल पर देश उन्नत हो सके.
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