नाम – राम अवतार कटियार
पद – समाज सेवक एवं शिक्षाविद्, कानपुर देहात
नवप्रवर्तक कोड –
परिचय –
कानपुर देहात के सबसे पुराने महाविद्यालय श्री राम अवतार महाविद्यालय के
संस्थापक श्री राम अवतार कटियार न केवल एक वरिष्ठ समाजसेवी हैं, अपितु क्षेत्र के
नामचीन शिक्षाविद के रूप में भी जाने जाते हैं. कानपुर देहात के अंतर्गत सबसे पहला
डिग्री कॉलेज स्थापित करने का श्रेय राम अवतार जी को ही जाता है, जिसके माध्यम से
वर्तमान में न केवल बुथौली ग्राम अपितु दूर-दराज के विद्यार्थी भी उच्च शिक्षा प्राप्त
कर अपना भविष्य उज्जवल कर रहे हैं.
वर्ष 1956 में एक निर्धन परिवार में जन्में राम अवतार जी ने संघर्षरत जीवन
व्यतीत किया है. कठिनाईपूर्वक प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात वर्ष 1980
में वें राजपुर आए तथा स्नातक की डिग्री प्राप्त की. स्नातकोत्तर करते समय उनके
अंतर्मन में यह भाव आया कि गरीब तबके की जनता के लिए शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है.
इसके उपरांत वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस विभाग में उन्हें नौकरी एवं
साक्षात्कार के लिए अवसर भी मिले, जिन्हें उन्होंने कुछ निजी कारणों से और समाज
उत्थान की भावना के चलते अस्वीकार कर दिया.
महाविद्यालय की स्थापना के कारण –
श्री राम अवतार महाविद्यालय बुथौली ग्राम के निवासियों के लिए शिक्षा के एक मंदिर के समान है, जहां प्रतिवर्ष सैकंडों छात्र-छात्राओं के भविष्य की बेहतर नींव रखी जाती है. राम अवतार जी द्वारा संस्थापित इस महाविद्यालय में कला, वाणिज्य एवं विज्ञान तीनों ही संकायों से जुड़ी शिक्षा की सुचारू व्यवस्था है. वर्ष 1988 में इस महाविद्यालय की स्थापना राम अवतार जी ने अपने बचपन के संघर्षों को ध्यान में रखकर की. उनके अनुभवानुसार कानपुर देहात में डिग्री कॉलेजों की अल्पता के कारण छात्रों की शिक्षा बाधित होती थी और छात्राओं को तो उनके परिवार उच्च शिक्षा के लिए गांव से बाहर भेजते ही नहीं थे, जिसके चलते ग्राम में अधिकतर बालिकाएं मुश्किल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर पाती थी.

इन समस्याओं को दूर करने और शिक्षा की अलख जगाने हेतु राम अवतार जी ने इस
महाविद्यालय की स्थापना की. उनके इस सार्थक प्रयास के कारण आज ग्राम में अधिकतर
युवावर्ग स्नातक है और बेहतर वेतनमान पर नौकरी या निजव्यवसाय इत्यादि कर रहे हैं.
क्षेत्रीय विकास कार्य –
सामजिक तौर पर सभी को समान रूप से विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राम
अवतार जी केवल शिक्षा के माध्यम से ही नहीं, अपितु अन्य क्रियाकलापों द्वारा भी
प्रयासरत रहते हैं. गरीब छात्रों के सहयोग हेतु वे विशेष रूप से प्रयत्न करते हैं,
साथ ही देहात क्षेत्र में मंदिरों के विकास में सहयोग, शादी समारोह अथवा मरणोपरांत
संस्कारों में निर्धन परिवारों की सहायता, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन इत्यादि के माध्यम से
भी राम अवतार जी विभिन्न सामाजिक कार्यों में संलग्न रहते हुए अपने कर्तव्यों का
वहन करते रहते हैं.
भावी परियोजनाएं –
भविष्य में राम अवतार जी क्षेत्र की गरीब जनता की निशुल्क चिकित्सकीय सुविधा
के लिए एक बड़ा अस्पताल खुलवाना चाहते हैं, जिससे उन्हें बीमारी की अवस्था में
दूर-दराज के इलाकों में भटकना न पड़े. राम अवतार जी के अनुसार फिलवक्त उनके ग्राम
में आधुनिक चिकित्सा सुविधासंपन्न एक भी बड़ा अस्पताल नहीं है, जिसके कारण स्थानीय
निवासियों को बेहद तकलीफ उठानी पड़ती है.
सामजिक कार्यों में बाधाएं –
अब तक हजारों छात्रों के भविष्य को उज्जवल करने वाले राम अवतार जी के अनुसार
समाज कल्याण के मार्ग में बाधाएं आना तो निश्चित होता है, विशेष रूप से इस क्षेत्र
में आर्थिक बाधाएं काफी अधिक हैं. महाविद्यालय की स्थापना के समय उन्होंने भी बहुत
सी आर्थिक एवं सामाजिक बाधाओं का समाना किया है, परन्तु अथक प्रयासों और परिश्रम
से आगे बढ़ते हुए इन सब समस्याओं को पीछे छोड़कर एक नया मुकाम हासिल किया.
नीति–परिवर्तन पर विचार –
सरकारी नीतियों के बारे में राम अवतार जी का कहना है कि शिक्षा के स्तर में बेहतर
नीतियां बनाई जानी चाहिए, जिसके अंतर्गत कौशल वृद्धि एवं तकनीकी कृषि से जुड़ी
शिक्षा अनिवार्य की जानी चाहिए, जिससे युवाओं को रोजगार संबंधी समस्याओं का सामना
न करना पड़े.
इसके अतिरिक्त राम अवतार जी के अनुसार सरकार को लघु उद्योगों के क्षेत्र में
भी नवीन योजनाओं का आरम्भ करना चाहिए और इन लघु-कुटीर उद्योगों से संबंधित शिक्षा
युवाओं को प्रारंभ से ही देनी चाहिए.
सामाजिक परिवर्तन पर विचार –
राम अवतार जी के अनुसार वर्तमान समय में समाज के अंतर्गत सदियों से फैली कुप्रथाओं का अंत होना चाहिए. आज समाज में असमानता काफी अधिक है, जिसके चलते अमीर और गरीब वर्ग में अंतर बढ़ता जा रहा है. साथ ही उनका मानना है कि छात्रों को अथक परिश्रम से अपनी शिक्षा के लिए प्रयासरत रहना होगा, तभी समाज और देश सटीक रूप से विकसित हो सकता है.
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