नाम - प्रेमपाल सिंह यादव
पद - पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष (दातागंज विधानसभा, बदायूं)
नवप्रवर्तक कोड - 71190933
"आवश्यक नहीं कि विरासत में सब कुछ मिले, तभी महान बन सकते हो,
संघर्ष करके भी सब कुछ प्राप्त करके महान बना जा सकता है।"
ऐसे ही समाजवादी विचारों की प्रतिस्थापना करने वाले सपा संस्थापक, देश के पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री "पद्म विभूषण" स्व मुलायम सिंह यादव को प्रेरणास्त्रोत मानते हुए राजनीति में समाज कल्याण की भावना से शामिल हुए प्रेमपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक एवं जिलाध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र बिल्सी से सपा चुनाव प्रभारी के रूप में नियुक्त होकर बदायूं जनपद में सपा की मजबूती हेतु कार्यशील हैं।
उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं के एक साधारण से किसान परिवार से आने वाले प्रेमपाल सिंह यादव एक ऐसे समाज सेवक और जननेता हैं, जिन्होंने अपने जुझारूपन और संघर्ष के बलबूते समाज में अपनी पहचान कायम की है। जनकल्याण को अपने जीवन का उद्देश्य मानकर चलते हुए प्रेमपाल सिंह यादव ने राजनीति में कदम रखा और उसके बाद फिर कभी वापस मुड़कर नहीं देखा।
राजनीति में आगमन और भावी विज़न -
समाज की सेवा करते करते राजनीति से जुड़े प्रेमपाल सिंह यादव वर्ष 1991 से समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। 1996 और 2002 में वह दातागंज विधानसभा से सपा विधायक के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। वहीं 1993 के चुनावों में महज 90 वोटों से वह जीत से चूक गए थे। इसके अतिरिक्त 2007 और 2012 में भी सपा की ओर से उन्हें विधायक प्रत्याशी के तौर पर उतारा गया था।
बदायूं जनपद से सपा संगठन में अनेकों पदों पर अपनी काबिलियत दिखा चुके प्रेमपाल सिंह यादव बदायूं से सपा जिलाध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं, गत वर्ष जनपद कासगंज की पटियाली विधानसभा से संगठन प्रभारी के पद का भी उन्होंने कुशलतापूर्वक संचालन किया है और 2024 की शुरुआत में ही उन्हें विधानसभा बिल्सी से चुनाव प्रभारी भी नियुक्त किया गया है। प्रेमपाल सिंह यादव के सुपुत्र अवनीश यादव भी सपा से ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं और दातागंज विधानसभा से विधायक प्रत्याशी भी रहे हैं।
राजनीति में अपने भावी एजेंडे के बारे में प्रेमपाल सिंह यादव का कहना है कि आगामी समय में सपा को प्रदेश में स्थापित करना और श्री अखिलेश यादव को दोबारा प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते वह देखना चाहते हैं। साथ ही जो बड़ी बड़ी सामाजिक-सांस्कृतिक व जनकल्याण की योजनाएं जो अखिलेश सरकार के दौरान अधूरी रह गई थी, उन्हें पूरा करने के मिशन के साथ वह आगे बढ़ रहे हैं। आगामी चुनावों में विजयी होकर प्रदेश में एक प्रगतिशील, विकासोन्मुख और जात-पात/धार्मिक भेदभाव से दूर सरकार को लाना उनका प्रमुख विजन है।
स्थानीय समस्याएं -
गंगा नदी के किनारे बसा बदायूं, जिसे रूहेलखंड का दिल भी कहा जाता है और यह सूफी संतों की भूमि भी रहा है। ऐतिहासिक रूप से गंगा जमुनी तहजीब को दर्शाते बदायूं में क्षेत्र विकास, जन विकास और स्थानीय मुद्दों पर प्रेमपाल सिंह यादव सक्रियता से कार्यरत हैं। उन्होंने अपने विधायक कार्यकाल के दौरान विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारा है।
प्रेमपाल सिंह यादव के अनुसार 2007 के बाद से जनपद में रोजगार की समस्या काफी बढ़ी है और बेरोजगारी के चलते युवा वर्ग भटक रहा है। साथ ही शिक्षा व्यवस्था भी स्थानीय छात्रों की पहुँच से बाहर है और आज भी क्षेत्र के लोग अभावग्रस्त जीवन जीने को मजबूर हैं। इन सब समस्याओं को खत्म करने के लिए वह अपने राजनीतिक कदमों को आगे बढ़ाए हुए हैं और आमजन के साथ मिलकर अपने क्षेत्र और प्रदेश को बुलंदियों पर ले जाने के क्रम में प्रयास कर रहे हैं।
राष्ट्रीय समस्याओं को लेकर मंतव्य -
वर्तमान भारत के मुद्दों को लेकर प्रेमपाल सिंह यादव का कहना है कि भाजपा के आने के बाद से देश के हालात खराब हैं। बीजेपी के आने से गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों का जीवन दूभर हो गया है और देश में उद्योगपतियों का लगातार लाभ हो रहा है। उनके अनुसार अब जनता इन सभी समस्याओं से त्रस्त हो चुकी है और बदलाव का मन बना चुकी है।
प्रेमपाल सिंह यादव का कहना है कि जनता अपने राजनीतिक मुद्दों को समझने का प्रयास करे, ऐसे लोगों से दूर रहे जो धर्म, जात-पात के नाम पर भोली जनता को गुमराह करते हैं। आपसी मेलजोल, एकजुटता के साथ जनता को आगे बढ़ना चाहिए और हर तरह की सामाजिक बुराइयों से दूर रहकर विकसित समाज की संकल्पना में अपना योगदान दें।
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