नाम – फतेह बहादुर सिंह गिल
पद - सपा प्रत्याशी, महाराजपुर विधानसभा, कानपुर, उत्तर प्रदेश
नवप्रवर्तक कोड – 71190031
समाजवादी पार्टी के बैनर तले कानपुर की 217 महाराजपुर विधानसभा से प्रत्याशी के रूप में चुनावों में उतरे फतेह बहादुर सिंह गिल भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय से पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी की युवजन सभा में उन्होंने राष्ट्रीय सचिव पद की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

उनके पिताजी कानपुर से एक जाने माने समाजसेवक रहे हैं और उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए फतेह बहादुर सिंह गिल ने भी समाजसेवा और फिर राजनीति से जुडने का निर्णय लिया व अपने पिताजी की भी भांति समाजवादी पार्टी से जुड़ गए। बैलटबॉक्सइंडिया टीम ने अपने चुनावी महासंग्राम अभियान के अंतर्गत महाराजपुर विधानसभा प्रत्याशी फतेह बहादुर सिंह गिल से वार्तालाप करते हुए बहुत से चुनावी मुद्दों पर उनकी राय जानी।
समाज की अगुवाई करने का निर्णय क्यों लिया?
फतेह बहादुर सिंह गिल - बचपन से ही पिताजी को समाज सेवा करते देखा, जिसके कारण छोटी आयु से ही हमारे मन में लोगों की सहायता करने का जज्बा रहा। साथ ही हम लोग भाग्य पर विश्वास रखते हैं, हम सभी मिट्टी के पुतले हैं, जिन्हें ईश्वर ने अपना अपना किरदार अदा करने के लिए भेजा है। इस प्रकार नेता और जनसेवक बनने के लिए ऊपरवाले ने मुझे चुना।
राष्ट्रीय स्तर पर देश/प्रदेश की प्रमुख समस्याएं, जिन पर सरकार को ध्यान देना चाहिए?
फतेह बहादुर सिंह गिल - किसी भी क्षेत्र का विकास उद्योगों से या रोजगार के नए अवसर पैदा करने से होता है। रोजगार आज के समय में एक बड़ा मुद्दा है। यदि कोई भी एक औद्योगिक इकाई विधानसभा क्षेत्र या किसी भी जिले में स्थापित होती है तो उसके चलते अनगिनत क्षेत्रों में और अनेकों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अभी हमें बहुत काम करना है क्योंकि कोरोना ने एहसास कर दिया कि हम अभी भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में उतने एडवांस नहीं हैं, जितना हम खुद को मानकर चलते हैं। मेरा मानना है कि न केवल बड़े शहरों या महानगरों में बल्कि हर चार जिले छोड़कर एक मिनी पीजीआई या पीजीआई श्रेणी का अस्पताल जनसुविधा के लिए होना जरूरी है।
आज हम देखते हैं कि हमारे वृद्धों की ओर कोई ध्यान नहीं देता है, हमारे बुजुर्ग सड़कों पर बेसहारा पड़े हैं। उनकी सेवा के लिए भी हमें एक सच्चे समाजवादी की तरह प्रयास करना है, हमें पार्टी की विचारधारा पर चलते हुए अंतिम कतार तक के लोगों का विकास करना है।
अभी तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर बहुत काम होना बाकी है। हमारे गन्ना किसान हमेशा अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहते हैं, लेकिन उन्हें न्याय के नाम पर लाठियां मिलती हैं। पत्रकारों तक के ऊपर भी सरकार तानाशाही दिखाती है, यानि हमारा लोकतंत्र खतरे में है।
आप शिक्षा के क्षेत्र में देखें तो पाएंगे कि वर्तमान सरकार में शिक्षा मित्र भी परेशान हैं और उन्होंने इस सरकार के राज में स्वयं को अनाथ समझा हुआ है और जनता अखिलेश यादव की ओर देख रही है। हमें शिक्षा लेने वाले के साथ साथ शिक्षा देने वालों का भी ध्यान रखना है। हम समीक्षा करें तो पाएंगे की शिक्षा के क्षेत्र में अखिलेश यादव जी का विज़न दूरदर्शी है, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अनगिनत कार्य किए हैं। 2013 से छात्रों को लैपटॉप देना सपा ने शुरू किया और जिस कदम का भाजपा मजाक उड़ाती थी, उसी कदम ने कोरोना काल में छात्रों को शिक्षा व लोगों को रोजगार से जोड़े रखा।
आप बैलटबॉक्सइंडिया के मंच के माध्यम से जनता को क्या संदेश देना चाहेंगे?
फतेह बहादुर सिंह गिल - हम जनता से यही अपेक्षा रखते हैं कि जैसे तीन बार प्रदेश की जनता ने मा मुलायम सिंह यादव जी को मुख्यमंत्री बनाया, समर्थन दिया और फिर आगे 2012-17 तक अखिलेश यादव जी को चुना, वैसे ही इस बार भी साथ दें। यह सौभाग्य जब मिलता है, जब विधायक चुनकर सदन जाते हैं। मैं यही आशा करता हूँ कि जनता अब जागरूक हो चुकी है और यह संदेश जा चुका है कि आज विकास की डोर अखिलेश यादव के ही हाथों में है और वही विकास का एकमात्र विकल्प हैं।
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