डॉ. सदानंद राय पेशे से कृषि वैज्ञानिक हैं और साथ ही साथ
सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. लगभग 25 वर्षों से बिहार का अति पिछड़ा माने जाने वाला क्षेत्र अधौरा इनकी कर्मभूमि रही है. अधौरा कैमूर के पठारी क्षेत्र में स्थित है. यह उत्तर प्रदेश के भी बेहद नजदीक है. यहां एक और जंगल होने के कारण जंगली जानवरों का डर है तो वहीं दूसरी ओर नक्सलियों के आतंक का भी. इन सभी विकट परिस्थितियों के बावजूद डॉ. सदानंद राय ने यहां रह कर लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने का बेहतरीन प्रयास किया है.

बिहार में कार्य कर रहे हैं
सदानंद राय की जन्म स्थली उत्तर प्रदेश है. उत्तर प्रदेश के
गाजीपुर जिले के सादात प्रखंड के एक गांव डोरा में इनका जन्म हुआ और वहीं इनकी परवरिश भी हुई. किसान परिवार में जन्में सदानंद जी का संयुक्त परिवार था. इनकी शुरुआती पढ़ाई सादात से ही हुई. किसानी से जुड़े होने के कारण इनके माता-पिता ने इन्हें एग्रीकल्चर की शिक्षा दिलाने की सोची जिससे खेती में भी मदद मिल सके. उनका सोचना था कि अगर सदानंद नौकरी ना भी करे तो उसकी पढ़ाई खेती बाड़ी के काम तो आएगी ही.
बनारस गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज से उन्होंने अपना स्नातक बीएससी एग्रीकल्चर से पूर्ण किया. उसी दौरान वह नौकरी की भी सोचने लगे. नौकरी की चाहत में इन्होंने स्नातक करने के तुरंत बाद गन्ना अनुसंधान केंद्र, करनाल में नौकरी की. यहां सदानंद जी ने टेक्निकल असिस्टेंट के तौर पर काम करना शुरू किया. वहां वह छह महीने ही नौकरी कर पाए और कुछ नया नहीं कर पाने के कारण उन्होंने यहां की नौकरी छोड़ दी.

इसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई की. उन्होंने दो दो विषयों को लेकर अपना मास्टर डिग्री हासिल किया. सबसे पहले उन्होंने जनसंचार में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की. सदानंद जी ने जनसंचार में स्नातकोत्तर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय यानी इग्नू से किया तो फिर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से एमएससी, कृषि प्रसार में पूर्ण की. आगे चलकर उन्होंने कृषि क्षेत्र में ही अपनी पीएचडी की उपाधि हासिल की.
डॉ सदानंद राय ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट से अपनी पीएचडी की. अपनी एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली में दूरदर्शन के कृषि दर्शन में नौकरी करना शुरू किया. यहां वह कृषि संबंधित समाचारों का संकलन कर उसे प्रसारित करवाते थे. मगर धीरे-धीरे इस कार्य में भी उनकी रुचि खत्म होने लगी और दो वर्ष से थोड़ा ज्यादा समय तक ही वह यहां नौकरी कर पाएं.
अब बारी थी सामाजिक कार्यों से जुड़ेने की. डॉ सदानंद जी अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ तो दी मगर अब समस्या थी कि उनके पसंद का काम उन्हें कहां मिलें. वैसे में उन्हें वर्ष 1992 में कैमूर के पठारी क्षेत्र अधौरा के कृषि विज्ञान केंद्र में बतौर कृषि वैज्ञानिक कार्य करने का अवसर मिला. भारत सरकार के अधीन होने के बावजूद इसका संचालन वनवासी सेवा केंद्र द्वारा किया जाता है. डॉ सदानंद जी के जुझारू प्रवृत्ति और लोगों के लिए काम करने की भावना के साथ साथ कुछ दूसरी परिस्थितियों को देखते हुए 1997 में उन्हें वनवासी सेवा केंद्र का सचिव बनाया गया.

वनवासी सेवा केंद्र जयप्रकाश जी द्वारा स्थापित और अधौरा क्षेत्र के विकास के लिए बनाई गई स्वयंसेवी संस्था है. वर्ष 1967 के दौरान इस पठारी क्षेत्र में भीषण अकाल पड़ा था. उस दौरान लोगों की मदद करने के लिए लोकनायक जयप्रकाश जी ने मुफ्त भोजनालय चलाया था, इसके बावजूद काफी जान माल की क्षति हुई थी. ऐसे में जयप्रकाश जी ने सोचा कि इस क्षेत्र में अनवरत काम करने वाली एक संस्था का होना अति आवश्यक है और तब वनवासी सेवा केंद्र की यहां स्थापना की गई. जो तब से अब तक निरंतर यहां के लोगों के लिए, लोगों की बेहतरी के लिए काम कर रही है. अधौरा एक ऐसा क्षेत्र है जहां जिंदगी काफी मुश्किलों भरा रहा है. सदानंद जी यहां तब आए जब यहां के हालात काफी मुश्किल थे, परिस्थितियां काफी विकट. यहां ना तो पानी की सुविधा थी, न ही कोई सड़क हुआ करती थी. पानी के लिए लोगों को कोसों दूर जाना पड़ता था. न ही बिजली की सुविधा,न ही कोई फोन कनेक्शन. तब जो लैंड लाइन की सुविधा हुआ करती थी वह भी यहां मौजूद नहीं थी. ऐसे में आपका परिवार से पूर्णता संपर्क टूट जाता था. ऐसी विकट परिस्थिति और अभाव ग्रस्त जिंदगी से जूझते हुए डॉक्टर सदानंद जी ने यहां के विकास के लिए बहुत कार्य किया है शायद यही वजह है लोग इन्हें यहां अभिवाहक के तौर पर सम्मान देते हैं.

आज के समय में यहां पानी की कमी के बावजूद पानी की सुविधा, फोन से संपर्क, बिजली की सुविधा आदि उपलब्ध तो हो जाती है फिर भी यहां जिंदगी आसान नहीं. डॉ सदानंद जी ने पच्चीस वर्षों से लगातार इस क्षेत्र में रहकर लोगों के लिए बेहतरीन कार्य किया है. डॉ सदानंद जी फिलहाल अधौरा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और हेड हैं तो वहीं वनवासी सेवा केंद्र के सचिव के तौर पर अपनी सामाजिक भूमिका निभा रहे हैं.