Name- भूपेश अवस्थी
Designation- कार्यकारी प्रांतीय अध्यक्ष , राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, कानपुर
Navpravartak Code-
परिचय
भूपेश अवस्थी एक सामाजिक कार्यकर्ता तथा उत्तर- प्रदेश के प्रोविंशियल एग्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं. वह मूल रूप से कानपुर के निवासी हैं. राज्य सरकार के वाणिज्य कर विभाग के अंतर्गत उन्होंने अपने संगठन तथा 16 लाख राज्य कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रशासन के समक्ष उनकी समस्याएं उठायीं तथा कई आन्दोलन किये.
नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्होंने ‘महानगर विकास समिति’ तथा ‘भगवान परशुराम महासभा’ नामक संस्थाओं की स्थापना की. वह वर्तमान में इन दोनों संस्थाओं के अध्यक्ष हैं. यह संस्थाएं समाज -सुधार व समाज में जागरूकता फैलाने के लिए कार्य करती हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य सामाजिक दायित्वों को पूरा करना है.

सामाजिक कार्य
भुपेश अवस्थी नौकरी में रहें हो या नौकरी के बाद, वह हमेशा से ही लोगों के हितों के लिए आवाज उठाते तथा समाज में जागरूकता फैलाते रहतें हैं. संगठन में रहकर उन्होंने प्रदेश भर के कर्मचारियों को कैशलेस सुविधा दिलाने के लिए आन्दोलन किया था.
इसके अलावा उन्होंने कर्मचारियों की अन्य
मांगों को पूरा करवाने व उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए और भी कई आन्दोलन
व 13 से 31 दिन तक की हड़तालें कीं. कानपुर को प्रदूषण से मुक्त करवाने के लिए भी
उन्होंने वृक्षारोपण जैसे कई कार्य किये हैं.
वह स्थानीय तथा राज्य स्तर पर सामाजिक समस्याओं ( ट्रैफिक जाम, प्रदूषण, अतिक्रमण ) के सम्बन्ध में समय –समय पर सरकार को सुधार सम्बन्धी प्रस्ताव भेजते रहते हैं. उनकी संस्था ‘महानगर विकास समिति’ ने उत्तर कानपुर को दक्षिण कानपुर से जोड़ने के लिए एक फ्लाईओवर बनाने की मांग की तथा इसके लिए आन्दोलन भी किया था.
जिससे कि अतिक्रमण हटाया जा सके तथा कानपुर में ट्रैफिक जाम की समस्या कम हो सके. उनके आन्दोलन के परिणामस्वरूप प्रशासन द्वारा उत्तर कानपुर को दक्षिण कानपुर से जोड़ने वाले एक पुल का निर्माण भी हुआ. इसके अलावा उनकी संस्थाओं का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति व विचारधारा को लोगों तक पहुंचाना व उसे जीवंत रखना है.

भविष्य की योजना
भूपेश अवस्थी का मुख्य उद्देश्य कानपुर को एक प्रदूषण मुक्त शहर बनाना है. इसके अलावा उनका दूसरा लक्ष्य जल संकट को दूर करना है. इसीलिए वह चाहते हैं कि अन्य कई देशों के जैसे भारत के पार्कों में भी रेनवाटर हार्वेस्टिंग के प्लांट लगायें जायें.
जिसके लिए उन्होंने स्थानीय तथा राज्य सरकारों को पार्कों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग के प्लांट लगाने का प्रस्ताव भी भेजा, ताकि वर्षा के जल को संरक्षित किया जा सके. इससे पार्कों के आस- पास की जगहों का जल स्तर भी सामान्य रहेगा और जल संकट की स्थिति दूर की जा सकेगी.

संघर्ष
भूपेश अवस्थी को सबसे ज्यादा परेशानी सामाजिक समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने में हुई. उनका मानना है कि जब भी आप समाज सुधार के लिए कोई कदम उठाते हो तो सबसे बड़ी समस्या लोगों को जोड़ने तथा उन तक अपनी बात पहुंचाने में होती है.
उन्होंने वृक्षारोपण के लिए लोगों को जागरूक करने
की काफी कोशिश की, किन्तु उसमें भी उन्हें लोगों से उचित सहयोग नहीं मिला. सिर्फ
जनता का ही नहीं बल्कि जिन योजनाओं में सरकारी संसाधनों का समुचित प्रयोग किया जा
सकता था, उन योजनाओं में सरकार का भी सहयोग नहीं मिला. अतः लोगों के बीच जागरूकता
फैलाना तथा उनका सहयोग प्राप्त करने में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

नीति परिवर्तन पर विचार
वह चाहते हैं कि देश में एक ऐसी व्यवस्था हो जहां पर देश के सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार व नियम हों. सरकार तथा समाज के बुद्धिजीवी लोग सभी लोगों को अपने अधिकारों, उनके प्रयोगों तथा कर्तव्यों के प्रति उन्हें जागरूक करें.
देश में सभी लोगों को सरकार द्वारा शिक्षा व चिकित्सा के सामान अवसर उपलब्ध करायें जायें. यदि सभी लोगों को शिक्षा और चिकित्सा की सुविधा मिलेगी तो लोगों में असुरक्षा की भावना समाप्त हो जायेगी, जिससे भ्रष्टाचार कम होगा व एक स्वच्छ व स्वस्थ समाज की स्थापना होगी.

इसके अलावा उनका मानना है कि जनप्रतिनिधियों को सिर्फ अपने वोट बैंक पर
ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि उन्हें सभी को सामान दृष्टि से देखना चाहिए. वहीं
जनता को भी जाति- धर्म से ऊपर उठकर योग्यता के आधार पर अपने नेता का चुनाव करना
चाहिए. जिससे कि लोकतंत्र की मर्यादा व सामाजिक मूल्य बनें रहें.
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