Designation- Advocate, Social Worker
Badge number- 71182946
अभिनंदन पाठक एक राजनेता, समाज - सेवक तथा एक स्कूल के प्रबंधक हैं. वह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के
सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं उनका जन्म भी
सहारनपुर में हुआ है हालांकि उनके पिता
फ़ैजाबाद के रहने वाले थे. उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सहारनपुर जनपद से ही हुई है. उन्होंने अपनी कक्षा एक से पांच तक की शिक्षा शिशु निकेतन से, छह से बारह तक की शिक्षा एस.एम इंटर कॉलेज से पूर्ण करने के उपरान्त जैन डिग्री कॉलेज से स्नातक और एम. ए की परीक्षा उत्तीर्ण की.
अभिनंदन पाठक एक बहुत ही गरीब परिवार से थे तथा उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया है. उनके पिता ने उन्हें जूते पॉलिश कर तथा दूसरे के यहां बर्तन साफ कर पाला है. इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने खुद ट्रेन में खीरे बेच कर अपना जीवनयापन किया है.
अभिनंदन पाठक ‘सादा जीवन उच्च विचार’ में विश्वास करने वाले व्यक्ति हैं. आज एक स्कूल के प्रबंधक होने के बाद भी वह अपने संघर्ष के दिनों को नहीं भूले हैं एवम् उन दिनों से बहुत प्रेरित हैं. आज भी वह लोकल ट्रेन में ही सफ़र करते हैं और बहुत ही साधरण भाव से अपना जीवनयापन कर रहें हैं. उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य लोगों की सेवा करना तथा लोगों के लिए काम करना है. उन्होंने अपने जीवन में कई चुनाव लड़े हैं, क्योंकि उनका मानना है कि अगर हमारे पास कुछ ताकत है तो हम ज्यादा बेहतर तरीके से जनता की सेवा कर सकते हैं. हालांकि आर्थिक रूप से सक्षम न हो पाने के कारण वह अभी तक जीत नहीं पाये हैं ऐसा उनका मानना है.

अभिनंदन पाठक की छवि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलती है. इसके कारण इन्हें लाइमलाइट तो मिला ही है मगर साथ ही साथ काफी परेशानी का सबब भी उठाना पड़ा है.
नरेंद्र मोदी को यह अपना आदर्श मानते हैं. यह
राजनीति में सक्रिय तो है ही मगर साथ ही साथ यह भारतीय नमो सेवा दल(रजिस्टर्ड) के संस्थापक भी हैं. भारतीय नमो सेवा दल (रजिस्टर्ड) लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए बनाया गया है और साथ ही साथ जिन लोगों की पहुंच
प्रधानमंत्री तक नहीं हो पाती है उनकी बात उनकी समस्याएं नहीं सुनी जाती है नमो सेवा दल की यह कोशिश होती है कि उन लोगों की बात माननीय प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जा सके. अभिनंदन पाठक खुद को मोदी भक्त बताते हैं और बोलते हैं कि ऐसे व्यक्ति बार-बार पैदा नहीं होते. इन्होंने भारत को एक सम्मान दिलाया है उनका मानना है कि नरेंद्र मोदी ने भारत के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसीलिए वह चाहते हैं कि प्रधानमंत्री तो हर जगह नहीं आ पाएंगे मगर भारतीय नमो सेवा दल के द्वारा वह प्रधानमंत्री के उच्च विचारों को लोगों तक पहुंचा पाए और लोगों की परेशानियों को इस संस्था की मदद से दूर किया जा सके.
वह 1990 में सबसे पहले सभासद के चुनाव में खड़े हुए थे, जिसमें उन्हें काफी कम वोटों के अंतर से हार मिली. इसके बाद 1999 में उन्होंने लोकसभा तथा 2012 में सहारनपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा. उन्होंने हर बार निर्दलीय ही चुनाव लड़ा है. हालांकि धन अभाव के कारण उनका प्रचार हर बार फीका पड़ जाता है, किन्तु जिस सादगी से कम खर्चे में उन्होंने चुनाव लड़ा, उसकी काफी प्रशंसा की गयी. इसके अलावा उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि चुनाव सिर्फ धन के बल पर ही नहीं लड़े जाते तथा आम आदमी भी चुनाव लड़ सकता है. वह आज की राजनीति से उलट सबको साथ लेकर बिना जाति भेद भाव के,बिना धर्म को आधार बनाये सभी के लिए समाज सेवा के भाव के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं.
अभिनंदन पाठक के अनुसार वह अपनी पराजय से कभी हतोत्साहित नहीं होते. वह 2019 के चुनावों तथा आगामी अन्य चुनावों में फिर इसी उत्साह के साथ मैदान में आयेंगे. वह समाजसेवा की भावना के साथ समाज को परिवार की तरह लेकर चलते हैं. चुनाव लड़ने के पीछे का उनका मुख्य उद्देश्य सदन में पहुंच कर जनता के कल्याण से सम्बंधित अपनी बात रखना एवम् देश के मजबूती, समाज की मजबूती, भाईचारे तथा सभी के मान- सम्मान के लिए कार्य करना है.
To know the latest research contributions or opinions from Abhinandan Pathak or join him on study tours, events and scholarly discussions Click To Follow.