Ad
Search by Term. Or Use the code. Met a coordinator today? Confirm the Identity by badge# number here, look for Navpravartak Verified Badge tag on profile.
सर्च करें या कोड का इस्तेमाल करें, क्या आज हमारे कोऑर्डिनेटर से मिले? पहचान के लिए बैज नंबर डालें और Navpravartak Verified Badge का निशान देखें.
 Search
 Code
Searching...loading

Search Results, page {{ header.searchresult.page }} of (About {{ header.searchresult.count }} Results) Remove Filter - {{ header.searchentitytype }}

Oops! Lost, aren't we?

We can not find what you are looking for. Please check below recommendations. or Go to Home

सम्यक क्रान्ति का मंथन पर्व - मकर सक्रान्ति

भारतीय त्यौहार एवं संस्कृति.

भारतीय त्यौहार एवं संस्कृति. भारतीय त्यौहार देते हैं नवप्रवर्तन का संदेश

ByArun Tiwari Arun Tiwari   {{descmodel.currdesc.readstats }}

Originally Posted by {{descmodel.currdesc.parent.user.name || descmodel.currdesc.parent.user.first_name + ' ' + descmodel.currdesc.parent.user.last_name}} {{ descmodel.currdesc.parent.user.totalreps | number}}   {{ descmodel.currdesc.parent.last_modified|date:'dd/MM/yyyy h:mma' }}

सम्यक क्रान्ति का मंथन पर्व - मकर सक्रान्ति-

संक्रान्ति यानी सम्यक क्रान्ति   

इस नामकरण के नाते तो मकर संक्रान्ति सम्यक क्रांति का दिन है; एक तरह से सकारात्मक बदलाव के लिए संकल्पित होने का दिन। ज्योतिष एवं नक्षत्र विज्ञान के गणित के मुताबिक कहें, तो मकर संक्रान्ति ही वह दिन है, जब सूर्य उत्तरायण होना शुरु करता है और एक महीने, मकर राशि में रहता है; तत्पश्चात् सूर्य अगले पांच माह कुंभ, मीन, मेष, वृष और मिथुन राशि में रहता है। इसी कारण, मकर संक्रान्ति पर्व का एक नाम ’उत्तरायणी’ भी है। दक्षिण में इसे पोंगल के रूप में मनाया जाता है। पहले दिन-भोगी पोंगल, दूसरे दिन-सूर्य पोंगल, तीसरे दिन-मट्टू पोंगल और चौथे तथा आखिरी दिन-कन्या पोंगल। मट्टू पोंगल को केनू पोंगल भी कहते हैं। भोगी पोंगल पर साफ-सफाई कर कूङे का दहन, सूर्य पोंगल को लक्ष्मी पूजा व सूर्य को नैवैद्य अर्पण, मट्टू पोंगल को पशुधन पूजा, कन्या पोंगल को बेटी और दामाद का विशेष स्वागत-सत्कार। 13 जनवरी का दिन पंजाब-हरियाणा के कथानक पर आधारित लोहङी पर्व के लिए तय है ही।

सूर्य पर्व

एक दिन का हेरफेर हो जाये, तो अलग बात है, अन्यथा मकर संक्रान्ति का यह शुभ दिन, हर वर्ष अंग्रेजी कैलेण्डर के हिसाब से 14 जनवरी को आता है। इसका कारण यह है कि मकर संक्रान्ति एक ऐसा त्योहार है, जिसकी तिथि का निर्धारण सूर्य की गति के अनुसार होता है, जबकि भारतीय पंचाग की अन्य समस्त तिथियां चन्द्रमा की गति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। स्पष्ट है कि मकर संक्रान्ति सूर्य पर्व ही है।

दिशा-दशा बदलाव सूचक पर्व

इससे पूर्व 16 जुलाई को सूर्य, कर्क राशि में प्रवेश करने के बाद करीब छह माह के दौरान सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में रहता है। छह माह की यह अवस्था, सूर्य की दक्षिणायण अवस्था कहलाती है। दक्षिणायण अवस्था में सूर्य का तेज कम और चन्द्र का प्रभाव अधिक रहता है। दक्षिणायण में दिन छोटे होने लगते हैं और रातें लंबी। यह अवस्था, वनस्पतियों की उत्पत्ति में सहायक मानी गई है। उत्तरायण होते ही, सूर्य का तेज बढ़ने लगता है। दिन, लंबे होने लगते हैं और रातें, छोटी। इस तरह मकर संक्रान्ति एक तरह से सूर्य की दिशा और मौसम की दशा बदलने का सूचक पर्व भी है। शिशिर ऋतु की विदाई और बसंत के आगमन का प्रतीक पर्व।

इससे पूर्व 14 दिसंबर से 13 जनवरी तक का समय एक ऐसे महीने के तौर पर माना गया है, जिसमें शुभ कार्य न किए जायें; एक तरह से शादी-ब्याह के उत्सवों के बाद संयम की अवधि। इस अवधि को 'खरमास' भी कहा गया है।

''पौष-माघ की बादरी और कुवारा घाम, ये दोनो जो सह सके, सिद्ध करे सब काम।''
Ad

हम सभी जानते हैं कि पौष के महीने में माघ की तुलना में ज्यादा कठिन बदली होती है। श्रावण-भादों की तरह इस अवधि में भी सूर्य से पूर्ण संपर्क नहीं होता। जठराग्नि मंद पङ जाती है, भोजन में संयंम जरूरी हो जाता है। संभवतः इसलिए भी उक्त अवधि को ’खरमास’ के तौर पर शुभ कार्यों हेतु वर्जित किया गया हो। इसी तरह उत्तरायण में शरीर छूटे, तो दक्षिणायण की तुलना में उत्तम माना गया है। अब इन मान्यताओं का विज्ञान क्या है? कभी जानना चाहिए।

दान पर्व

सामान्यत: स्नान, दान, तप, श्राद्ध और तर्पण आदि मकर सक्रांति के महत्वपूर्ण कार्य माने गये हैं। चुडा, दही, उङद, तिल, गुड, गो आदि मकर सक्रांति के दिन दान के भी पदार्थ और स्वयं ग्रहण करने के भी। महाराष्ट्र में विवाहिता द्वारा अपनी पहली सक्रांति पर अन्य सुहागिनों को कपास, तेल और नमक दान की प्रथा है। तिल-गुड बांटना और मीठे बोल का आग्रह करने का सामान्य चलन तो है ही। स्नान करें, पर्व कर्म करें और सूर्य का आशीष लें.

Ad

जयपुर, राजस्थान में आप मकर संक्रन्ति को पतंग उड़ाने की उमंग के पर्व के रूप में पाएंगे। आकाश, पतंगों और डोर के संजाल से पटा होगा और छतें हर उम्र के लोगों से। जैसे रंग-बिरंगी छतरी बनाकर सभी सूर्य का स्वागत करने निकल आये हों। यूं राजस्थान में मकर संक्रान्ति का दूसरा रूप सुहागिनों द्वारा सुहाग सूचक 14 वस्तुओं का पूजन तथा उनका ब्राह्मणों को दान के रूप में देख सकते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस दिन खिचडी का भोजन करने तथा उङद-चावल, नमक, खटाई आदि दान करने का प्रावधान है। इस नाते, वहां इस पर्व को “खिचडी” कहकर पुकारा जाता है। असम में मकर संक्रान्ति को 'माघ बिहू' व 'भोगाली बिहू' के नाम से जानते हैं।

संगम स्नान पर्व

''माघ मकर गति जब रवि होई। तीरथपति आवहू सब कोई।।''

अर्थात माघ के महीने में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करे, तो सभी लोग तीर्थों के राजा यानी तीर्थराज प्रयाग में पधारिए। प्रयाग यानी संगम। संगम सिर्फ नदियों का ही नहीं, विज्ञान और धर्म, विचार और कर्म, सन्यासी और गृहस्थ तथा धर्मसत्ता, राजसत्ता और समाजसत्ता का संगम। कभी ऐसा ही संगम पर्व रहा है, मकर संक्रान्ति। कोई न्योता देने की जरूरत नहीं; सभी को पता है कि हर वर्ष, मकर संका्रन्ति को प्रयाग किनारे जुटना है। सभी आते हैं, बिना बुलाये। नदी पूजन का मतलब ही होता है - स्नान, पान और दान।

Ad

प्रयाग किनारे ही क्यों?

इस प्रश्न के उत्तर में जानकार कहते हैं कि खासकर इलाहाबाद प्रयाग की एक विशेष भौगोलिक स्थिति है। मकर संक्रान्ति को प्रयाग, आकाशीय नक्षत्रों से निकलने वाली तरंगों का विशेष प्रभाव केन्द्र होता है। जिन-जिन तिथियों में ऐसा होता है, उन-उन तिथियों में प्रयाग में विशेष स्नान की तिथि होती है। इन तिथियों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष महत्व है। बहुत संभव है कि इसी तरह ऊपर उत्तराखण्ड में स्थित पंच प्रयागों की भी कोई खास स्थिति हो; कभी अध्ययन करें।

गंगासागर एक बार

जहां गंगा, समुद्र से संगम करती है, वह स्थान ’गंगासागर’ के नाम से जाना जाता है। इसी स्थान पर कपिल मुनि द्वारा राजा सगर के 60 हजार पुत्रों के भस्म करने की कथा है। राजा भागीरथ के तप से धरा पर आई मां गंगा द्वारा इसी स्थान पर सगर पुत्रों के उद्धार का कथानक है। संभवतः इसीलिए मकर संक्रान्ति के अवसर पर गंगासागर में जैसा स्नान पर्व होता है, कहीं नहीं होता। क्या उत्तर, क्या दक्षिण और क्या पूर्व, क्या पश्चिम... पूरे भारतवर्ष से लोग गंगासागर पहुंचते हैं, कहते हुए - ’’सारे तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार।’’

कपिल मुनि का आश्रम, आज भी गंगासागर के तीर्थ यात्रियों के लिए विशेष आकर्षण का पूज्य स्थान है। आखिरकार, कपिल मुनि का दिया शाप न होता, तो भागीरथ प्रयास क्यों होता और गंगा, गंगासागर तक क्यों आती?

मंथन पर्व

गौर कीजिए कि आज हम मकर संक्रान्ति को माघ मेले और अर्धकुंभ के प्रथम स्नान पर्व के रूप में ज्यादा भले ही जानते हों, किंतु वास्तव में मकर संक्रान्ति, एक मंथन पर्व है; सम्यक क्रान्ति हेतु चिंतन-मनन का पर्व। माघ मेले के दौरान समाज, राज और प्रकृति को लेकर किए अनुसंधानों का प्रदर्शन, उन पर मंथन, नीति निर्माण, रायशुमारी, समस्याओं के समाधान और अगले वर्ष के लिए मार्गदर्शी निर्देश - इन सभी महत्वपूर्ण कार्यों की विमर्शशालाओं का संगम जैसा हो जाता था कभी अपना पौराणिक प्रयाग।

ऋषियों के किए अनुसंधानों पर राज और धर्मगुरु चिंतन कर निर्णय करते थे। नदी-प्रकृति के साथ व्यवहार हेतु तय पूर्व नीति का आकलन और तद्नुसार नव नीति का निर्धारण का मौका भी थे, माघ मेले और कुंभ। जो कुछ तय होता था धर्मगुरु, अपने गृहस्थ शिष्यों के जरिए उन अनुसंधानों/नीतियों/प्रावधानों को समाज तक पहुंचाते थे। माघ मेला और कुंभ में कल्पवास का प्रावधान है ही इसलिए।

कितना महत्वपूर्ण कल्पवास?

पौष माह के 11 वें दिन से शुरु होकर माघ माह के 12वें दिन तक कल्पवास करने का प्रावधान है। कल्पवासी, प्रयाग में आज भी इस अवधि के दौरान जुटते हैं। आमतौर पर कल्पवासी, उम्रदराज होते हैं; एक तरह से परिवार के ऐसे मुखिया, जो अब मार्गदर्शी भूमिका में हैं। ये परिवार प्रमुख, कल्पवास के दौरान अपने परिवार से पीढ़ी-दर-पीढ़ी संबद्ध गुरु परिवार से मिलते हैं। उनके मिलने के स्थान तय होते हैं। इन स्थानों पर गुरु सानिध्य में कल्पवासी, बेहतर गृहस्थ जीवन का ज्ञान प्राप्त करते थे; यही पंरपरा है। दुर्योग से हमारे स्नान पर्व, आज धर्मसत्ता के दिखावट और सजावट के पर्व बनकर रह गये हैं।

आइये, इसे पुनः बनायें सम्यक क्रान्ति का मंथन पर्व

आइये, मकर संक्रान्ति को फिर से सम्यक क्रान्ति मंथन पर्व बनायें; जिन नदियों के किनारे जुटते हैं, उनकी ही नहीं, राज-समाज और संतों की अविरलता-निर्मलता सुनिश्चित करने का पर्व। यह कैसे हो? राज, समाज और प्रकृति का प्रतिनिधित्व करने वाले ऋषियों के बीच राष्ट्र और प्रकृति के प्रति जन-जन के कर्म संवाद की अविरलता और निर्मलता सुनिश्चित किए बगैर यह संभव नहीं। आइये, यह सुनिश्चित करें। इसी से भारत, पुनः भारतीय हो सकेगा; मौलिक भारत।

Attached Images

Related Videos
Related Audio
Leave a comment for the team.
Subscribe to this research.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें

Join us on the latest researches that matter.

इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.

Responses

{{ survey.name }}@{{ survey.senton }}
{{ survey.message }}
Reply

How It Works

ये कैसे कार्य करता है ?

start a research
Follow & Join.

With more and more following, the research starts attracting best of the coordinators and experts.

start a research
Build a Team

Coordinators build a team with experts to pick up the execution. Start building a plan.

start a research
Fix the issue.

The team works transparently and systematically fixing the issue, building the leaders of tomorrow.

start a research
जुड़ें और फॉलो करें

ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

start a research
संगठित हों

हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

start a research
समाधान पायें

कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।

How can you make a difference?

Do you care about this issue? Do You think a concrete action should be taken?Then Follow and Support this Research Action Group.Following will not only keep you updated on the latest, help voicing your opinions, and inspire our Coordinators & Experts. But will get you priority on our study tours, events, seminars, panels, courses and a lot more on the subject and beyond.

आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?

क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे फॉलो का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
Communities and Nations where citizens spend time exploring and nurturing their culture, processes, civil liberties and responsibilities. Have a well-researched voice on issues of systemic importance, are the one which flourish to become beacon of light for the world.
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
Share it across your social networks.
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें

Every small step counts, share it across your friends and networks. You never know, the issue you care about, might find a champion.

हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।

Got few hours a week to do public good ?

Join the Research Action Group as a member or expert, work with right team and get funded. To know more contact a Coordinator with a little bit of details on your expertise and experiences.

क्या आपके पास कुछ समय सामजिक कार्य के लिए होता है ?

इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।

Know someone who can help?
क्या आप किसी को जानते हैं, जो इस विषय पर कार्यरत हैं ?
Invite by emails.
ईमेल से आमंत्रित करें
The researches on ballotboxindia are available under restrictive Creative commons. If you have any comments or want to cite the work please drop a note to letters at ballotboxindia dot com.

Code# 5{{ descmodel.currdesc.id }}

ज़ारी शोध जिनमे आप एक भूमिका निभा सकते है. Live Action Researches that might need your help.