कानपुर नगर निगम कार्यकारिणी में उठा सर्विस लेन का मुद्दा
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By
Raghvendra Mishra Contributors
Anchal Mishra
Swarntabh Kumar 23
कानपुर नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में शास्त्री नगर वार्ड संख्या-91 के पार्षद राघवेन्द्र मिश्रा ने जमकर अपनी बात रखी। बैठक में नगर निगम निधि के धन से पीडब्ल्यूडी, विकास प्राधिकरण, आवास विकास, श्रम विभाग और अन्य विभाग के कार्य न कराए जाने की मंजूरी के बाद ये बात चर्चा का विषय बन गई है। इस मामले की बात करते हुए पार्षद राघवेन्द्र मिश्रा ने कहा है कि 18 दिसंबर 2020 और 21 दिसंबर 2020 को स्थगित बैठक और फिर 23 दिसंबर को संपन्न हुई सदन की बैठक में प्रस्ताव संख्या-102 अनूप शुक्ला, पार्षद (वार्ड संख्या-88) पर न तो कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा हुई और न ही कोई प्रस्ताव पारित हुआ लेकिन सदन पूरा होने के बाद कार्यवृत्ति में अंकित कर सभी पार्षदों को भेज दिया गया, जो सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि कानपुर महानगर में 16 श्रमिक बस्तियां है। इसके साथ ही सोसाइटी आवास विकास, केडीए की कॉलोनियां हैं और नगर निगम सभी जगहों पर काम कर रहा है। पार्षद ने बताया कि इसमें शास्त्रीनगर पूरे एशिया की सबसे बड़ी श्रमिक कॉलोनी है और यहां पर 72 सर्विस लेन हैं। दो माह पहले नगर आयुक्त द्वारा 3-4 सर्विस लेन के सुधार की मंजूरी दी गई, जिनका टेंडर भी हो चुका है लेकिन अधिशासी अभियंता उस टेंडर को स्वीकृत कराने हेतु फाइल को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। इस बार जब जोनल कार्यालय में पूछा गया तो अधिशासी अभियंता आरके सिंह द्वारा दलील ये दी गई कि महापौर जी के बेटे द्वारा काम नहीं कराने का दबाव बनाया जा रहा है। इस बात का बैठक में खुल कर विरोध किया गया।