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कोरोना और पर्यावरण - वर्तमान परिस्थितियों में भविष्य की राह

कोरोना का कल – जान, जहान और सम्मान

कोरोना का कल – जान, जहान और सम्मान Opinions & Updates

ByRakesh Prasad Rakesh Prasad   Contributors Pallavi Bharadwaj Pallavi Bharadwaj Licypriya Kangujam Licypriya Kangujam Anand Prakash Anand Prakash Rinchen Wacher Rinchen Wacher Venkatesh Dutta Venkatesh Dutta Raman Kant Raman Kant Dr Prabhat Kumar Dr Prabhat Kumar Sonal Bhushan Sonal Bhushan 47

लगातार दौड़ते-भागते अत्याधुनिक विश्व ने जैसे ही साल 2020 में कदम रखा, तो जैसे दुनिया के बढ़ते क़दमों को

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लगातार दौड़ते-भागते अत्याधुनिक विश्व ने जैसे ही साल 2020 में कदम रखा, तो जैसे दुनिया के बढ़ते क़दमों को किसी की नजर लग गयी. चाइना से निकला कोविड 19 धीरे धीरे दुनिया भर के देशों में जा पहुंचा और लाखों लोगों को काल का ग्रास बना दिया. कोरोना, लॉकडाउन, मास्क, सैनिटाइजर आदि की सुगबुगाहट के साथ शुरू हुआ यह वर्ष अब आधा बीत चुका है और अब तक विश्व भर के लोगों ने वह सब कुछ देखा जिसकी कल्पना भी हमारे तकनीकी आधुनिक समाज ने कभी नहीं की होगी. 

लॉकडाउन के चलते घरों में डरे दुबके लोगों ने मर रही प्रकृति और दम तोड़ रहे पर्यावरण को एक बार फिर नई सांसें लेते देखा. एक अलग सा बदलाव आसमान, धरती, हवा, नदियों की सूरत सीरत में देखा गया. जो हालांकि स्थायी नहीं कहा जा सकता लेकिन एक सबक जरुर देता है कि परिवर्तन असंभव नहीं है. ऐसा नहीं है कि इससे पहले ऐसे बदलाव नहीं आया हो, वर्ष 2008-09 में आई आर्थिक मंदी ने भी जब कारखानों और रोजगार को समाप्त कर दिया था, तब भी कार्बन उत्सर्जन का प्रतिशत घटा था. 

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किसी महामारी को पर्यावरण बदलाव की कसौटी पर रखकर नहीं देखा जा सकता, लेकिन इस लॉकडाउन से प्रकृति पर जो अनुकूल प्रभाव पड़े हैं उनकी स्थिरता पर चर्चा अवश्य की जा सकती है. आज सरकारों, विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और खुद जनता को भी आगे बढ़कर यह जरुर देखना होगा कि किस तरह पर्यावरण में आये बदलाव को हम स्थिर बना सकते हैं? इसी मुद्दें को बैलटबॉक्सइंडिया के मंच ने कुछ विशेषज्ञों के साथ साझा किया और उनकी समझ व राय को जानने का एक प्रयास किया. वह कुछ प्रमुख विषय जिन पर आज चर्चा की जरुरत है, वह हैं...

1. Environmental Debate - Changes in the Problem Statement

जहां पहले हम प्रदूषण, उत्पादन, चेन  सप्लाई और ग्रीन इकॉनमी जैसे मुद्दों पर बात कर रहे थे, आज कोरोना के समय में उन समस्याओं और मुद्दों में कितना परिवर्तन आया है? क्या आज भी इन सभी विषयों पर चर्चा प्री कोरोना के समान ही होनी चाहिए? 

2. Human Behaviour Changes - Impacts on Sustainability Debate

कोरोना और लॉकडाउन के बीच मानवीय व्यवहार में क्या कोई परिवर्तन आया है? लॉकडाउन ने हमें जो वर्क टू होम और डिजिटल इकॉनमी जैसे कांसेप्ट का विकल्प दिया है क्या उससे पर्यावरण को लेकर मानवीय व्यवहार में कोई बदलाव आएगा? क्या वातावरण में आये इस बदलाव को स्थिर रखने में आम लोगों की भूमिका रहेगी? 

3. Changing Economics Policy Shifts & Challenges

विभिन्न देशों की आर्थिक नीतियों में जो बदलाव आज देखे जा रहे हैं, जो चुनौतियां सरकारों के सामने हैं उनसे पर्यावरण पर क्या प्रभाव होगा? वर्तमान के इस जटिल और हर पल बदलते आर्थिक परिवेश में हम किस प्रकार स्थिर और संतुलित पर्यावरण के विषय में कार्य कर पाएंगे?

4. Exclutionism, Politics & Wars - Emerging World

कोरोना जैसी महामारी देशों में, राज्यों में एक तनाव का माहौल लेकर आती हैं. स्वास्थ्य विज्ञान से अलग व्यापक स्तर पर नकारात्मकता, चिंता और युद्ध जैसे परिणाम ऐसे दौर में आम हो जाते हैं. ऐसे में इन सभी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव होगा? जटिल राजनीती और सामाजिक मतभेदों के बीच पर्यावरण के संरक्षण पर कैसा प्रभाव होगा?     

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