भारत की मोक्षदायिनी मानी जाने वाली सप्तपुरी नगरियों में से एक नगरी अयोध्या है, जिसका इतिहास सदियों पूर्व प्राचीन माना जाता है. पवित्र ग्रंथ “रामायण” के अनुसार अयोध्या की स्थापना स्वयं मनु ने सरयू नदी के किनारे की थी, जिसे भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में भी महता प्राप्त है. स्थानीय साक्ष्यों के अनुसार यहाँ आज भी हजारों की तादाद में छोटे-बड़े मंदिरों की उपस्थिति दर्शाती है कि अयोध्या भारतवासियों के हृदय में विशेष स्थान रखता है और यह देश का प्रमुख धार्मिक-सांस्कृतिक शहर होने के साथ साथ हिन्दुओं की तीर्थस्थली के तौर पर भी विख्यात है.

तो रुख करते हैं इसी पतित पावन अयोध्या नगरी के चौक वार्ड का...जिसे 17वीं शताब्दी में फैजाबाद शहर के मध्य में स्थित होने के चलते यह नाम मिला. कहा जाता है कि वर्ष 1765 में नवाब शुजाउद्दौला ने चौक का निर्माण करवाया था, इतिहास के उस दौर में भी यह स्थान व्यापारियों के लिए मुख्य केंद्र हुआ करता था. वर्तमान में भी चौक को अयोध्या का सबसे प्रमुख कमर्शियल स्थान माना जाता है. पहले यह वार्ड फैजाबाद नगर पालिका का हिस्सा हुआ करता था, किन्तु वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार द्वारा दोनों नगर पालिकाओं का जोड़कर अयोध्या नगर निगम का निर्माण कर दिया गया.

वर्तमान में चौक वार्ड नवनिर्मित अयोध्या नगर निगम द्वारा संचालित वार्ड है, जहाँ से भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले
श्री सुधीर नारायण पार्षद हैं, जो वर्ष 2017 से जन प्रतिनिधि के तौर पर स्थानीय विकास क्रम में सम्मिलित हैं. स्थानीय पार्षद के अनुसार इस वार्ड की जनसंख्या लगभग 15,000 है, जिनमें वर्ष 2017 में मतदाताओं की संख्या तकरीबन 4500 थी. मिश्रित आबादी वाले इस वार्ड के प्रमुख मोहल्लों में मुगलपुरा, चौक, कंघीगली, जमुनिया बाग, गुरुनानक पुरा, खवासुपरा आंशिक इत्यादि प्रमुख हैं.
वार्ड में स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की जाये तो कुछ प्राइवेट क्लीनिकों के अतिरिक्त यहां कोई भी अस्पताल नहीं है. साथ ही शिक्षा सुविधा के तौर पर यहां कोई सरकारी विद्यालय तो नहीं है किंतु बहुत से प्राइवेट स्कूल और कॉलेज उपस्थित हैं, जैसे राजकरण वीपी इंटर कॉलेज, बलदेव विद्या मंदिर, फोर्ब्स इंटर कॉलेज, यूरोकिडज़ प्री स्कूल इत्यादि मौजूद हैं. इसके साथ ही यहां बहुत से पुराने मंदिर एवं मस्जिद जैसे मोती मस्जिद, चौक मस्जिद, अन्नपूर्णा मंदिर, हत्थी महारानी मंदिर स्थित हैं.
चौक वार्ड दर्शनीय स्थल के रूप में भी अयोध्या में प्रसिद्द है, यहाँ मंदिर-मस्जिदों के अतिरिक्त अंग्रेजों के समय का बनाया हुआ घंटाघर है. जो पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. इसके साथ साथ चौक की रामलीला एवं रावण दहन भी प्रदेश स्तर पर जाना जाता है. रामलीला के अवसर पर चौक पर चहल पहल दर्शनीय होती है तथा यहां दशहरा पर केवल रावण का ही पुतला दहन किया जाता है, जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं.
यदि वार्ड की प्रमुख समस्याओं पर गौर किया जाये तो चूंकि चौक वार्ड मुख्य तौर पर अयोध्या के कमर्शियल इलाकों में शुमार है, इसलिए यहां एक सुलभ शौचालय की बहुत अधिक मांग है और पार्षद सुधीर नारायण के अनुसार यही इस समय वार्ड की सबसे बड़ी समस्या भी है. इसकी व्यवस्था करने की दिशा में वें प्रयासरत हैं. इसके अतिरिक्त वार्ड में पहले जो नालों, सड़कों, स्वच्छता, पेयजल इत्यादि की समस्या थी, उस पर विकास कार्य जारी रहता है.
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