Ad
Search by Term. Or Use the code. Met a coordinator today? Confirm the Identity by badge# number here, look for Navpravartak Verified Badge tag on profile.
सर्च करें या कोड का इस्तेमाल करें, क्या आज हमारे कोऑर्डिनेटर से मिले? पहचान के लिए बैज नंबर डालें और Navpravartak Verified Badge का निशान देखें.
 Search
 Code
Searching...loading

Search Results, page {{ header.searchresult.page }} of (About {{ header.searchresult.count }} Results) Remove Filter - {{ header.searchentitytype }}

Oops! Lost, aren't we?

We can not find what you are looking for. Please check below recommendations. or Go to Home

पोलिटिकल मेरिटोक्रेसी, क्या ये सही समय है

  • {{agprofilemodel.currag.ag_started | date:'mediumDate'}}

वर्तमान सामाजिक परिवेश में किसी भी व्यक्ति को अगर एक सम्मानजनक पेशे में जुड़कर सफलता से अपना जीवनयापन करना  हो तो उसके लिए कम से कम १६ वर्षों की पढाई अनिवार्य समझी जाती है. इस क्रम में उसे अनेकों परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना होता है और कार्यक्षेत्र में भी स्वयं की प्रतिभा को कसौटियों पर खरा उतारकर प्रदर्शित करना होता है. इतने सघन मूल्यांकनों के पश्चात् और अपनी तमाम सफल उपलब्धियों के प्रदर्शन के बावजूद भी प्रतिस्पर्धी पेशेवर संसार से जुड़े हर व्यक्ति को रोज़ नइ चुनौतियों से सामना करने के लिए स्वयं को अपने रोज़मर्रा के कार्यक्षेत्र  से सम्बन्ध रखने  वाली हर छोटी बडी उभरती नवीन तकनीकों, जानकारियों एवं  परिवर्तनों से अवगत रहते हुए खुद को सतत प्रासंगिक बनाए रखना  पड़ता है.

भारत में लोक सेवा संघ आयोग (राष्ट्रीय स्तर पर) और विभिन्न राज्य सेवा आयोग (प्रदेश स्तर पर) के द्वारा  सरकारी पदों पर नियुक्ति के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है. केंद्रीय लोक सेवा आयोग की  दुष्कर परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर  एवं सघन विशेष प्रशिक्षणों के बाद ही भारतीय प्रशासनिक सेवा, विदेश सेवा, पुलिस सेवा, इत्यादि विशिष्ट  सरकारी नौकरी में उम्मीदवारों का चयन होता है. 

हमारे देश में राजनीति से जुड़े सभी मान्यवरों ( सांसद, विधायक, मंत्री, पार्टी अधिकारियों, सत्ता पक्ष, प्रति पक्ष, केंद्र, राज्य  इत्यादी) द्वारा ही देश की नीतियों का निर्धारण होता है. इनका कार्य क्षेत्र वृहद् होता है और किंचित संदर्भो में तो इनका कार्य क्षेत्र हमारे जीवनचर्या में  नियंता की भूमिका अदा करता है. पर यह विडम्बना ही है हमारे व्यापक राष्ट्रीय, सामाजिक, आर्थिक  और यहाँ तक कि व्यक्तिगत हितों में  इतनी महत्ती भूमिका का निर्वहन करने वालों के व्यक्तित्व कृतित्व आकलन के लिए कोई भरोसेमंद मानक व्यवस्था नहीं है.

लोकतंत्र में चुनाव का महत्व सर्वविदित है पर किसी विश्वसनीय मानक आधारों के अभाव में आज भी  मतदाता प्रत्याशियों के खोखले आश्वासनों, वादों और लफ्फाजी पर निर्भर हो कर अपना बहुमूल्य मत डालने को विवश है. वस्तुतः भारत में कई मायनों में आज चुनाव एक शोर शराबे वाला हर ५ वर्ष में होने वाला तमाशा बन गया है. इसके कुछ पहलु भले ही मनोरंजक लगे पर इतनी विशाल धनराशि का चुनावी हथकंडो में अपव्यय चिंताजनक है. प्रत्याशी के रूप में कतिपय धीर, गंभीर, प्रबुद्ध उम्मीदवार (यह संख्या दिनोदिन घटती जा रही है) भी जब ढोल-ताशे के साथ मोटर साइकिल काफिले में  माला पहने सड़कों पर वोट मांगते निकलते है तो अजीब ही लगता है.

मुद्दा यह है कि क्या हमारी राजनीतिक व्यवस्था में कुछ ऐसे विश्वसनीय, गुणपरक सूचक उपलब्ध  है अथवा विकसित किये जा सकते है जिनके आधार पर मतदाता के समक्ष यह स्पष्ट हो सके कि कौन सा उम्मीदवार उसका सबसे बेहतर प्रतिनिधि बनने की योग्यता रखता है. मतदाता को सिर्फ भाषणों और नारों पर ही नहीं अपितु उम्मीदवारों के जनोपयोगी कृत्यों के इतिहास के बारे में आंकड़ों पर आधारित ठोस जानकारी के आधार पर मूल्यांकन करने का अधिकार होना चाहिए.

हमारे विचार में जिनको भी राजनीति अथवा सार्वजनिक जीवन में भाग लेना हो, उनके लिए निम्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता और महारत होनी अपेक्षित है :

१.       राजनीति व सामाजिक विज्ञानं, अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र

२.       भारतीय व विश्व इतिहास, मानव विज्ञानं

३.       हमारे स्थापित कानून व  संविधान और उनका क्रमिक विकास

४.       किसी भी प्रतिष्ठित सार्वजनिक संस्था या संगठन में विशेष अनुभव 

५.       अपनी अभिरुचि के अनुसार किसी भी क्षेत्र में निपुणता व दक्षता जैसे गणित, विज्ञानं, तकनीकी, साहित्य, संगीत, कला, खेल इत्यादि.

उपरोक्त बिंदु क्रम १ से ४ की आवश्यकता तो सार्वजनिक जीवन के नीति निर्धारण कार्यों  में आमतौर पर पड़ती है और अंतिम बिंदु से उसके अंतर्मन के चरित्र लक्षण का भी सहज परिचय होता है.

राजनीति में नीति निर्धारकों के कार्य में एक महत्वपूर्ण विशेषता होती है कि उन्हें कतिपय परस्पर हितों के विरोधाभासों में सामंजस्य बैठाते हुए व्यापक हित के लिए सार्थक नीतियां बनाने की  जिम्मेवारी होती है. अनेकों जटिल मसलों का हल पक्ष-विपक्ष की संकीर्णताओं से ऊपर उठते हुए आम सहमति से निकालना भी आवश्यक होता है. उन्हें सभी पहलुओं को संज्ञान में लेकर ही सुविज्ञता से नीति निर्माण करना होता है जिससे भविष्य में कोई सामाजिक असंतोष या असंतुलन ना हो. जनसाधारण की अपेक्षाओं और भावनाओं एवं राज्य द्वारा प्रणीत  नीतियों के बीच एक संवाद सेतु बनाने की भूमिका का निर्वहन भी इन मान्यवरों की प्रमुख जिम्मेदारी है.

जाहिर है की उपरोक्त जटिल कार्यों को अंजाम देने के लिए विशिष्ट प्रबंधकीय सूझ, संगठन कौशल एवं प्रस्तुत समस्या या  विषय वस्तु  की गहरी समझ बहुत जरूरी है. इसके साथ ही मन में लोकसेवा के प्रति अविचल निष्ठा और विभिन्न विचारधाराओं से जुड़े राजनैतिक सहकर्मियों को समुचित परस्पर सम्मान के साथ संवाद में सम्मिलित करने एवं उनसे तालमेल करने की योग्यता भी होनी चाहिए. राजनीति से जुड़ने की आकांक्षा रखने वाले में इन आवश्यक गुणों की बहुलता है अथवा नहीं इसकी जानकारी जनता को तभी मिल सकेगी जब चुनावी उम्मीदवार एक पारदर्शी, निष्पक्ष एवं सर्वमान्य आकलन प्रक्रिया से गुजरने के लिए प्रस्तुत हो. इस योग्यता आकलन प्रक्रिया में उत्तम पाए जाने, जनता द्वारा चुने जाने और कतिपय विशेष प्रशिक्षण पाने के बाद ये माननीय अपने दायित्वों का निर्वहन श्रेष्ठता से करने में समर्थ होंगे, इसमें संदेह नहीं होना चाहिए.

इस प्रकार की प्रक्रिया को अपनाने से देशहित  में अनेक दूरगामी लाभ परिणाम मिलेंगे.

१.       चुनावों में अनर्गल बहस, अवांछित तमाशा और धन के  अपव्यय में भारी बचत होगी. चुनाव में अविवेकी और अपात्र प्रत्याशियों की संख्या पर लगाम लगेगी. गंभीर, विचारशील एवं दक्ष   उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में भाग्य आजमाएंगे और राजनीतिक दल भी अपने राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सूची से उन्हें ही मौका देगे  जिनकी योग्य अहर्ता होगी और कार्य प्रदर्शन उत्कृष्ट रहेगा.

२.       उच्च स्तरीय मेधा प्रतिस्पर्धा एवं दक्षता के कारण वैसे ही श्रेष्ठ व्यवहार पक्ष के मानदंड भी तैयार किये जायेंगे और उनका प्रशिक्षण भी सुलभ होगा.

३.       विधायी कार्य के निष्पादन में विभिन्न विशेषज्ञगण सदन में उपलब्ध होंगे और इन विषय विशेषज्ञों को मंत्री अथवा सदन के अंतर्गत कार्य करने वाली समितिओं और कमिटी का हिस्सा बनाकर इनके अनुभवों का लाभ लिया जा सकेगा.

४.       ऐसे सदस्यों से छुटकारा मिलेंगा जो बाहुबल अथवा वंशवाद के सहारे चुनाव तो जीत जाते है पर सदन की विधायी कार्यवाही या नीति विमर्श  में यथोचित योगदान नहीं कर पाते है और केवल पार्टी का आदेश मानकर नीति के पक्ष/विपक्ष  में मत रखने को  ही अपनी भूमिका की इतिश्री समझ लेते है  

५.       अगर चुनाव जीतने वाला प्रत्याशी क्षेत्र के जनता के विश्वास का प्रतिनिधित्व उचित ढंग से करने में विफल रहता है तो मतदाता  उसे वापस बुलाने का अधिकार प्रयोग कर सकते है. ऐसी स्थिति में चुनाव में दुसरा  स्थान प्राप्त करने वाले  उम्मीदवार को क्षेत्र की जनता के प्रतिनिधित्व का अवसर मिलेगा. चूंकि यह जन प्रतिनिधि भी आवश्यक अहर्ताओं में समतुल्य ही होगा अतः पुनर्चुनाव की अपेक्षा  उसे ही मौका दिया जाना उचित होगा.

अंत में यह कहना होगा कि वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था ने विगत वर्षो में अपनी जड़े बहुत गहरी बना ली है और चंद स्वार्थी ताकते इस व्यवस्था को यथास्थिति में ही देखना चाहती हैं. ऐसे में परिवर्तन लाना अत्यंत दुष्कर है पर असंभव नहीं है. सवाल राष्ट्रहित से जुड़ा है अतः प्रयास ज़रूर करना चाहिए.

हमारे विचार में वर्तमान राजनीतिक  दशा -दिशा में  निम्नलिखित कदम कारगर सिद्ध होंगे:

१.       जो भी व्यक्ति राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करने की जिम्मेवारी सँभालने के लिए इच्छुक हो उसे इस विषयविशेष पर आधारित पाठ्यक्रम ( कुछ चुनींदा विश्व विद्यालयों में चलाया जाये) से पढाई पूरी करनी चाहिए. इस पाठ्यक्रम में नामांकन लेने वालों के दाखिले के लिए कोई प्रवेश परीक्षा या उम्र का कोई बंधन नहीं होगा . इस विषय की कम से कम ३ वर्षीय पढाई के दौरान शिक्षकों द्वारा किये मूल्याङ्कन एवं विषय वस्तु में प्रवीणता प्राप्त  करनी होगी.

२.       पढाई सम्पन्न करने के बाद इच्छुक व्यक्ति को देश के किसी भी स्थान में लोगो के बीच जाकर अपने मनोनुकूल सेवा क्षेत्र में कुछ विशिष्ट योगदान देना होगा और अपने निजी पुरुषार्थ (अथवा राजनीतिक दल के सहयोग से) द्वारा चिन्हित लोगों के जीवन में एक सार्थक परिवर्तन और स्थायी बदलाव लाकर अपनी क्षमता प्रदर्शित करनी होगी.

३.       इस समूह सेवा कार्य की सफलता और असर के आकलन के लिए एक विधिवत दस्तावेज तैयार किया जाये और उसे सार्वजनिक किया जाये.

४.       उपरोक्त प्रक्रिया में सफल व्यक्तियों को ही चुनाव लड़ने की पात्रता होगी. 

५.       सभी राजनैतिक दलों को अपने चुनाव लड़ने की पात्रता रखने वाले कार्यकर्ताओं की एक मेधा सूची सार्वजनिक करनी आवश्यक होगी. इस सूची में सभी लोगों के व्यक्तित्व-कृतित्व-विशिष्ट उपलब्धियों की  विस्तृत जानकारी देना अनिवार्य होगा और उसे समय-समय पर अद्यतन भी करना होगा.

६.       जिस तरह आर्थिक जगत में स्वतंत्र एवं प्रतिष्ठित स्तर निर्धारण संस्थाए जैसे मूडीज, फिच, स्टैण्डर्ड & पुअर, इत्यादि समय समय पर अपनी रिपोर्ट देती है, उसी तर्ज पर सर्वमान्य तय मानकों के आधार पर इन राजनीतिक हस्तियों का  आकलन भी आम जनता के लिए सार्वजनिक किया जाना चाहिए.                           

समय की मांग है कि हमारे देश की राजनैतिक व्यवस्था में विलक्षण प्रतिभा वाले उम्मीदवारों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना से चुनाव हो. ऐसी पारदर्शी एवं सूक्ष्म समीक्षा से परखे हुए राजनेताओं की उत्कृष्ट बौद्धिक क्षमता, परिपक्वता व संवेदनशीलता निश्चित ही हमें बेहतर नेतृत्व प्रदान करने वाली सिद्ध होगी. अन्यथा लोकतंत्र में  नेतृत्व तो उन लोगों के हाथ ही रहेगा जो बेहतर सामजिक कौशल का प्रदर्शन करके संख्या बल साधने में सफल हो जाते है.    

चलिए हम नइ शुरुआत तो करे :

·         इस विषय पर व्यापक सामाजिक विमर्श अभियान

·         सभी पक्षों, राजनैतिक दलों और सरकार का मंतव्य

·         समाज के मूर्धन्य शिक्षाविदों एवं धुरंधर राजनेताओं के सम्मिलित सहयोग से राजनैतिक कार्यकर्ताओं और सार्वजनिक जीवन में कार्य के लिए एक विशद पाठ्यक्रम तैयार हो

·         सरकारी प्रभाव या आर्थिक-सामाजिक प्रभाव से तत्वतः ऐसी व्यवस्था लागू करने की दिशा में कुछ प्रयास तो हो.

आप सबों को इस स्थान पर ध्यान देते रहने और अपना अभिमत प्रगट करने के लिए आमंत्रण देते है. अभी कुछ समय पहले ही एक टी.वी. कार्यक्रम में किसी को ठीक ही कहते हुए सुना – जैसी हमारी पात्रता होती है, हम वैसा संसार ही पाते है.

Ad
Ad
Ad
Read in {{ agprofilemodel.altlanguage }}
Leave a comment.
Subscribe to this research.
रिसर्च को सब्सक्राइब करें

Join us on the latest researches that matter.

इस रिसर्च पर अपडेट पाने के लिए और इससे जुड़ने के लिए अपना ईमेल आईडी नीचे भरें.

Responses

{{ survey.name }}@{{ survey.senton }}
{{ survey.message }}
Reply

How It Works

ये कैसे कार्य करता है ?

start a research
Connect & Follow.

With more and more connecting, the research starts attracting best of the coordinators and experts.

start a research
Build a Team

Coordinators build a team with experts to pick up the execution. Start building a plan.

start a research
Fix the issue.

The team works transparently and systematically fixing the issue, building the leaders of tomorrow.

start a research
जुड़ें और फॉलो करें

ज्यादा से ज्यादा जुड़े लोग, प्रतिभाशाली समन्वयकों एवं विशेषज्ञों को आकर्षित करेंगे , इस मुद्दे को एक पकड़ मिलेगी और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद ।

start a research
संगठित हों

हमारे समन्वयक अपने साथ विशेषज्ञों को ले कर एक कार्य समूह का गठन करेंगे, और एक योज़नाबद्ध तरीके से काम करना सुरु करेंगे

start a research
समाधान पायें

कार्य समूह पारदर्शिता एवं कुशलता के साथ समाधान की ओर क़दम बढ़ाएगा, साथ में ही समाज में से ही कुछ भविष्य के अधिनायकों को उभरने में सहायता करेगा।

How can you make a difference?

Do you care about this issue? Do You think a concrete action should be taken?Then Connect With and Support this Research Action Group.Following will not only keep you updated on the latest, help voicing your opinions, and inspire our Coordinators & Experts. But will get you priority on our study tours, events, seminars, panels, courses and a lot more on the subject and beyond.

आप कैसे एक बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं ?

क्या आप इस या इसी जैसे दूसरे मुद्दे से जुड़े हुए हैं, या प्रभावित हैं? क्या आपको लगता है इसपर कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए ?तो नीचे कनेक्ट का बटन दबा कर समर्थन व्यक्त करें।इससे हम आपको समय पर अपडेट कर पाएंगे, और आपके विचार जान पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा फॉलो होने पर इस मुद्दे पर कार्यरत विशेषज्ञों एवं समन्वयकों का ना सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा, बल्कि हम आपको, अपने समय समय पर होने वाले शोध यात्राएं, सर्वे, सेमिनार्स, कार्यक्रम, तथा विषय एक्सपर्ट्स कोर्स इत्यादि में सम्मिलित कर पाएंगे।
Communities and Nations where citizens spend time exploring and nurturing their culture, processes, civil liberties and responsibilities. Have a well-researched voice on issues of systemic importance, are the one which flourish to become beacon of light for the world.
समाज एवं राष्ट्र, जहाँ लोग कुछ समय अपनी संस्कृति, सभ्यता, अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझने एवं सँवारने में लगाते हैं। एक सोची समझी, जानी बूझी आवाज़ और समझ रखते हैं। वही देश संसार में विशिष्टता और प्रभुत्व स्थापित कर पाते हैं।
Share it across your social networks.
अपने सोशल नेटवर्क पर शेयर करें

Every small step counts, share it across your friends and networks. You never know, the issue you care about, might find a champion.

हर छोटा बड़ा कदम मायने रखता है, अपने दोस्तों और जानकारों से ये मुद्दा साझा करें , क्या पता उन्ही में से कोई इस विषय का विशेषज्ञ निकल जाए।

Got few hours a week to do public good ?

Join the Research Action Group as a member or expert, work with the right team and make impact. To know more contact a Coordinator with a little bit of details on your expertise and experiences.

क्या आपके पास कुछ समय सामाजिक कार्य के लिए होता है ?

इस एक्शन ग्रुप के सहभागी बनें, एक सदस्य, विशेषज्ञ या समन्वयक की तरह जुड़ें । अधिक जानकारी के लिए समन्वयक से संपर्क करें और अपने बारे में बताएं।

Know someone who can help?
क्या आप किसी को जानते हैं, जो इस विषय पर कार्यरत हैं ?
Invite by emails.
ईमेल से आमंत्रित करें
The researches on ballotboxindia are available under restrictive Creative commons. If you have any comments or want to cite the work please drop a note to letters at ballotboxindia dot com.

Code# 6{{ agprofilemodel.currag.id }}

More on the subject.